शिव सागर में जो में उतरा शिव ने पार उतारा, नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥ शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥ ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी। क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥ कठिन https://jaibhole.co.in/home/Shree-Shiv-Chalisa
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